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रामदंडी मेगास्टार आज़ाद ने मनाया भोंसला मिलिटरी स्कूल के संस्थापक डॉ मूँजे का भव्य जन्म महोत्सव।


( महानायक आज़ाद )

१२ दिसम्बर ,२०१९ को प्रखर राष्ट्रवादी, माँ भारती के सच्चे सपूत एवं भारत में सैन्य विद्यालय की बुनियाद रखनेवाले धर्मवीर डॉक्टर बालकृष्ण शिवराम मूँजे का १४७ वाँ जन्मदिन, मेगास्टार आज़ाद ( Megastar Aazaad ) ने पूरे धूमधाम और उत्साह से मनाया ।इस अवसर पर उपस्थित पत्रकार सम्मेलन में मेगास्टार आज़ाद ने कहा कि डॉ. मूँजे उनके आदर्श हैं, उनसे उनका अस्तित्वगत सम्बंध है और यह भी कहा की आज डॉ. मुंजे देश की जरुरत है । डॉ. मूँजे ने नाशिक में जिस भोंसला सैन्य विद्यालय की स्थापना की, उसी बहुचर्चित सैन्य विद्यालय से रामदंडी आज़ाद ने शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की।

इस अवसरपर आज़ाद ( Aazaad ) ने अपने रामदंडी काल के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का स्मरण किया और डॉ. मूँजे तथा भोंसला मिलिट्री स्कूल के सेनानायक मेजर प्रभाकर बलवंत कुलकर्णी के व्यक्तित्व और कृतित्व की व्याख्या की एवं कहा की मेजर प्रभाकर बलवंत कुलकर्णी ही उनके गुरु थे जिनसे उन्होंने यह सीखा की जियो तो देश के लिए मरो तो देश केलिए। आज़ाद ने कहा कि डॉक्टर मूँजे सही मायने में महामानव थे ।आज़ाद ने डॉक्टर मूँजे को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डॉक्टर मूँजे महान स्वतंत्रता सेनानी, हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले, संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के राजनीतिक गुरु एवं भारत में सैनिक शिक्षा के पुरोधा थे । उन्होंने देश की निस्वार्थ सेवा की है ।


डॉ मुंजे के जन्म महोत्सव के अवसर पर मेगास्टार आज़ाद ने संस्कृत को विश्वस्तर पर स्थापित करने के लिए अपनी दो ऐतिहासिक संस्कृत फ़िल्मों जयतु संस्कृतम एवं उत्तिष्ठ युद्धस्व भारत” की घोषणा की ।जयतु संस्कृतमभारत के भारत बनने की कहानी पर आधारित फ़िल्म होगी और उत्तिष्ठ युद्धस्व भारत गोवा मुक्ति संग्राम पर आधारित फ़िल्म होगी, जिसकी बुनियाद धर्मवीर डॉ मुंजे थे। फ़िल्मकार मेगास्टार आज़ाद ने इस अवसर पर कहा कि उनकी आनेवाली दोनों फ़िल्में भोंसला मिलिट्री स्कूल के एक रामदंडी की ओर से उसके संस्थापक डॉक्टर मूँजे तथा भोंसला मिलिट्री स्कूल के सेनानायक मेजर प्रभाकर बलवंत कुलकर्णी को गुरु दक्षिणा होगी।

फ़िल्मकार मेगास्टार आज़ाद अपनी सनातनी और राष्ट्रवादी सोच एवं छवि के लिए जाने जाते हैं। इससे पहले अपनी राष्ट्रवादी कालजयी फ़िल्म “राष्ट्रपुत्रके ज़रिए ७२ वें कान फ़िल्म फ़ेस्टिवल में सनातनता एवं राष्ट्रवाद का हुंकार भर चुके हैं ।उसके बाद विश्व इतिहास की पहली मुख्यधारा संस्कृत फ़िल्म अहम ब्रह्मास्मिके ज़रिए विश्व को संस्कृत और संस्कृति से परिचित करवा चुके हैं । अब वर्तमान में उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक और भाषाई सेतु बनाने और एक भारत-श्रेष्ठ भारत के उद्देश्य को साकार करने के लिए आज़ाद ने तमिल भाषा में फ़िल्म महानायकन का सृजन किया है। महानायक आज़ाद का तमिल सिनमा में महानायकन ( Mahanayakan ) के रूप में अवतरण एक और इतिहास की शुरुआत है ।

डॉक्टर मूँजे जन्म महोत्सव का आयोजन भारत की बहुप्रतिष्ठित एवं प्रख्यात सनातनी राष्ट्रवादी महिला निर्मात्री कामिनी दुबे, बॉम्बे टॉकीज़ फ़ाउंडेशन, विश्व साहित्य परिषद, आज़ाद फेडरेशन और वर्ल्ड लिटरेचर र्गेनाइजेशन ने किया ।

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